सेठ गिरधरदास जी मूंधड़ा

Girdhardas-Mundhra-199x300बीकानेर के एक प्रतिष्ठित व्यापारिक घराने में जन्मे श्री गिरधरदास जी मूंधड़ा प्रारम्भ से धर्मानुरागी थे तथा वे सामाजिक कामों में बहुत रूचि लेते थे| उन्हें राष्ट्र भाषा से काफी लगाव था | यही कारन था की बीकानेर में प्रोफेसर नाथूराम खड़गावत द्वारा प्रारम्भ किये गये के लोक शिक्षण के प्रयासों से वे सक्रिय रूप से जुड़ गये | इस प्रयास में प्रौढ़ शिक्षण बाल शिक्षण और महिला शिक्षण के उद्देश्य से स्थापित भारतीय विद्या मन्दिर रात्रि विद्यालय के संस्थापकों में सम्मिलित रहते हुये अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया | वे निर्धन विद्यार्थियों एवं विधवा स्त्रियों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए ततपर रहते थे |

सेठ गिरधरदास जी मूंधड़ा के स्वर्गवास के पश्चात उनके सुपुत्र श्री माधोदास जी मूंधड़ा ने अपने पिताश्री द्वारा प्रदत्त सहयोग की परंपरा को जारी रखा | सेठ गिरधरदास जी मूंधड़ा द्वारा प्रदत्त अमूल्य सहयोग को ध्यान में रखकर ही कालांतर में भारतीय विद्या मन्दिर की प्रबन्ध समिति ने समबद्ध संस्थायों के संचालन हेतु प्रबन्ध समिति का नाम सेठ गिरधरदास मूंधड़ा शिक्षण संस्थान कर दिया |