या कुंदेंदु तुषार हार

या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रव्रिता |

या वीणा वरा दंडमंडित करा या श्वेत पद्मासना ||

या ब्रह्मच्युत शंकरा प्रभुतिभी देवी सदा वन्दिता |

सामा पातु सरस्वती भगवती निशेश्य जाड्या पहा ||

भारतीय विद्यामंदिर ने 1971 में त्रैमासिक शोधपत्रिका वैचारिकी का प्रकाशन आरम्‍भ करने के साथ ही साहित्‍य संस्‍कृति और इतिहास पर पुस्‍तकों का प्रकाशन आरम्‍भ किया। 1971 से लेकर अब तक भारतीय विद्यामंदिर भारतीय संसकृति और राजस्‍थान की संस्‍कृति के विविध पहलुओं को उजागर करने वाली अनेक पुस्‍तकें प्रकाशित की हैं। इनमें गोगाजी चौहान री राजस्‍थानी गाथा, प्राचीन काव्‍यों की रूप परम्‍परा, नाग दमण, रणमल छंद , मुक्‍तक, अमिय हलाहल मद भरे ,भारतीय तत्‍व चिंतन, राजस्‍थानी लोक महाभारत, सुखी जीवन, कृष्‍णावतार, वामन विराट प्रमुख हैं।