भारतीय विद्या मंदिर शिक्षा, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। इस संस्थान ने अपने लगभग 7 दशक के सफर में जहां लाखों विद्यार्थियों को लाभान्वित किया है वहीं शोध परक गतिविधियों से भारतीय संस्कृति और साहित्य के कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया है। संस्थान की ओर से बीकानेर में दो स्कूल गिरधरदास मूंधड़ा बालभारती विद्यालय और गिरधरदास मूंधड़ा पब्लिक स्कूल संचालित किये जा रहे हैं जहां बच्चों को उचच गुणवत्ता परक शिक्षा और संस्कार दिये जा रहे हैं। भारतीय विद्यामंदिर की ओर से 1 जुलाई 1959 को भारतीय विद्यामंदिर शोध प्रतिष्ठान की स्थापना की गई। यह शोध प्रतिष्ठानदेश दिेश के शोधार्थियों के आकर्षण का केंद्र है। शोध प्रतिष्ठान का अपना समृद्ध पुस्तकालय है जहां भारतीय संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व , साहित्य ,लोक साहित्य , धर्म तथा दर्शन से संबंधित ऐसी अनेक दुर्लभ पुस्तकें हैं जिनका अध्ययन करने देश विदेश के शोधछात्र आते हैं। भारतीय विद्यामंदिर शोध प्रतिष्ठान की ओर से द्वैमासिक शोध पत्रिका वैचारिकी का नियमित प्रकाशन किया जा रहा है। इसके अब तक 146 अंक प्रकाशित हो चुके हैं। शोध प्रतिष्ठाान अब तक 35 पुस्तकों का प्रकाशन कर चुका है। इनके अलावा भारतीय विद्यामंदिर श्रमिकों से लेकर अभियंताओं तक को व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उनके कौशल विकास में जुटा है। भारतीय विद्यामंदिर ने हजारों अकुशल श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें कुशल और उनकी जिंदगी को खुशहाल बनाया है।