किसी भी देश का विकास  वहां के श्रमिकों की उत्पादकता पर निर्भर करता है। जिस देश में श्रमिकों की उत्पादकता कम होगी उस देश के विकास की रफ्तार भी कम होगी। सच यह है कि हमारे देश के श्रमिकों की उत्पादकता विकसित देशों के श्रमिकों की अपेक्षा काफी कम है। इससे जहां औद्योगिक विकास गति नहीं पकड़ पाता वहीं श्रमिक को भी जीवन याापन के लिए पर्याप्त मेहनताना नहीं मिल पाता। भारतीय विद्यामंदिर ने श्रमिकों की उत्पादकता बढ़ाने, उनके काम की गुणवत्ता बढाने के लिए एक अभिनव कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके तहत अभियंता से लेकर श्रमिक तक विभिन्न श्रेणियों के कामगारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण  के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों तरह का ज्ञान दिया जाता है। प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम देश की निर्माण क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सिम्पलेक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर के सहयोग से चल रहा है। इस कार्यक्रम के तहत देश भर में अब तक लगभग 35 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।